विश्व कप 1983 विजेता टीम के सदस्य मदन लाल ने कहा- वेस्टइंडीज टीम शानदार थी, भगवान नहीं
मदन लाला ने कहा, हम विश्वकप में बिना किसी दबाव के गए थे। लोगों ने सोचा था कि अगर हम एक या दो मैच जीत लेते हैं तो बहुत होगा। लेकिन जैसा जिंदगी में होता है, अगर आप अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं तो चीजें आपने आप होने लगती हैं। हमारे साथ यही हुआ।
08:24 PM Jun 25, 2020 IST | Desk Team
भारत की 1983 क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के सदस्य मदन साल ने उस ऐतिहासिक जीत को याद किया है। भारत ने 1983 में आज ही के दिन यानी 25 जून को दो बार की विश्व विजेता वेस्टइंडीज को हरा कर पहली बार खिताब जीता था। पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, हमने 1975 विश्व कप में एक मैच जीता था और 1979 में भी एक ही मैच जीता था। 1983 में हम अंडर डॉग्स की तरह गए थे। इसीलिए इंग्लैंड में मिली जीत भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीतों के साथ ही विश्व क्रिकेट में भी सबसे बड़ी जीतों में से एक है।
उन्होंने कहा, हम विश्वकप में बिना किसी दबाव के गए थे। लोगों ने सोचा था कि अगर हम एक या दो मैच जीत लेते हैं तो बहुत होगा। लेकिन जैसा जिंदगी में होता है, अगर आप अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं तो चीजें आपने आप होने लगती हैं। हमारे साथ यही हुआ। टीम में हर कोई अच्छा करना चाहता था। उन्होंने कहा, हमने वेस्टइंडीज को 1982 में एक वनडे में हराया था, इसलिए हम जानते थे कि हम उन्हें हरा सकते हैं। हम जानते थे कि इंग्लैंड में छोटे लक्ष्यों का बचाव किया जा सकता है। इसलिए जब हमने पहले मैच में जीत के साथ शुरुआत की तो हमारे अंदर आत्मविश्वास आ गया।
भारत ने 22 जून को सेमीफाइनल में इंग्लैंड को हराकर सभी को हैरान कर दिया और पहली बार विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई। और, फाइनल में उस समय की सबसे मजबूत टीम वेस्टइंडीज को हरा खिताब जीता था। मदन लाल ने कहा, वेस्टइंडीज को हराना नामुमकिन नहीं था। वो अजेय नहीं थे। वो भगवान नहीं थे। इसमें कोई शक नहीं है कि वो उस समय की सर्वश्रेष्ठ टीम थी, लेकिन भगवान नहीं। उन्होंने कहा, इसलिए मैं कहता हूं कि 1983 में हमारा खिताब जीतना विश्व क्रिकेट की सबसे बड़ी जीतों में से एक है क्योंकि इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका ने भी विश्व कप जीते। मदन लाल ने उस विश्व कप में आठ मैच में 17 विकेट लिए थे और टीम की जीत में अहम योगदान दिया था।
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