मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर भारत आए, जयशंकर से करेंगे मुलाकात
भारत और मालदीव के बीच कई महीनों से तनातनी जारी है। इसी बीच मालदीव और भारत के रिश्तों को मजबूत बनाने की कोशिशों के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर अपने पहले भारत दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे का मकसद भारत के साथ दीर्घकालिक रिश्तों को और मजबूत बनाना है। पहली द्विपक्षीय और आधिकारिक यात्रा पर मूसा जमीर 9 मई को भारत के दौरे पर है। इस दौरान मूसा जमीर भारतीय के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे।
नवंबर 2023 में सत्ता में आने के तुरंत बाद से ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का झुकाव चीन के समर्थन में देखा गया है। मोहम्मद मुइज्जू ने भारत को मालदीव से अपने सैनिकों को पूरी तरीके से हटाने के लिए 10 मई की समय सीमा दी थी। हालांकि भारत पहले ही वहां से अब तक 51 सैनिकों को बुला चुका है। इस बात की पुष्टि खुद मालदीव सरकार ने दी। मूसा जमीर की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत को मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को 10 मई तक वापस बुलाना है। इस संबंध में 3 मई को भारत और मालदीव के उच्च स्तरीय कोर समूह की चौथी बैठक हुई थी।
गौरतलब है कि मालदीव के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के लिए कहा था, जो वहां तीन उड्डयन प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे थे। भारतीय सैन्य कर्मियों का पहला जत्था वापस आ गया है। मालदीव विदेश मंत्री की यह यात्रा इस मायने में भी अहम है क्योंकि कुछ महीने से भारत और मालदीव के संबंधों में तनातनी चल रही है। मालदीव के राष्ट्रपति ने अपने चुनावी अभियान में 'इंडिया आउट' जैसे नारों का सहारा लिया था। वही दूसरी तरफ मालदीव के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप प्रवास पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी। जिसके बाद मालदीव को पर्यटन संबंधित नुकसान का सामना करना पड़ा रहा है, जिसको लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर मालदीव का लेकर कड़ा विरोध किया।
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