भीषण सूखा पड़ने से जिम्बाब्वे का हाल-बेहाल, UN ने देशों से मांगी 43 करोड़ डॉलर की मदद
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय मामलों से जुड़ी एजेंसी ने बृहस्पतिवार को बताया कि जिम्बाब्वे में चार दशक में सबसे भीषण सूखा पड़ा है और देश की लगभग आधी आबादी को पेयजल और खाद्य पदार्थों की तत्काल आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र ने जिम्बाब्वे के लिए 43 करोड़ डॉलर की सहायता की अपील की है। मानवीय मामलों के समन्वय से संबंधित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने बताया कि देश की एक करोड़ 50 लाख की आबादी में से 76 लाख लोगों को आजीविका चलाने और जीवन रक्षा के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता है।
- जिम्बाब्वे में चार दशक में सबसे भीषण सूखा पड़ा है
- देश की आधी आबादी को पेयजल और खाद्य पदार्थों की तत्काल आवश्यकता है
- संयुक्त राष्ट्र ने जिम्बाब्वे के लिए 43 करोड़ डॉलर की सहायता की अपील की है
31 लाख लोगों की तुरंत मदद की अपील
एजेंसी के अधिकारी एडवर्ड मैथ्यू कैलन ने कहा कि हम सबसे गंभीर रूप से प्रभावित जिलों के 31 लाख लोगों की तत्काल मदद की अपील कर रहे हैं। अल नीनो के कारण दक्षिणी अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों में सूखा पड़ा है, जिस कारण मानव और पशुओं के समक्ष खाद्य पदार्थों तथा पानी की घोर कमी है। जिम्बाब्वे कृषि पर निर्भर देश है और एक समय में ये खाद्य पदार्थों का निर्यातक था लेकिन वर्तमान में सूखा पड़ने से सबसे ज्यादा प्रभावित है।
संयुक्त राष्ट्र ने मदद की लगाई गुहार
संयुक्त राष्ट्र ने जिम्बाब्वे को खाद्य सहायता से लेकर नकद हस्तांतरण और सौर ऊर्जा से संचालित बोरहोल का निर्माण करने में मदद करने की अपील की है, जिससे लोगों और मवेशियों को पीने का पानी उपलब्ध हो सकेगा।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।