US-British Attack Houthi: अमेरिका और ब्रिटिश सेनाओं ने Houthi पर किया जवाबी हमला
US-British Attack Houthi: अमेरिका और ब्रिटेन (US-British Attack Houthi) की सेनाओं ने सोमवार रात को यमन में ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे आठ स्थानों में मौजूद कई ठिकानों पर बमबारी की। यह दूसरी बार है जब दोनों सहयोगी देशों ने विद्रोहियों की मिसाइल प्रक्षेपण क्षमताओं पर जवाबी हमले किए हैं।
Highlights
- US-British की सेनाओं ने यमन में हुती पर किया हमला
- US-British हमले में 25 से 30 बम गिराए गए
- 28 स्थानों पर 60 से अधिक ठिकानों को बनाया निशाना
इन देशों ने किया खुफिया संबंधी सहयोग
अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका और ब्रिटेन (US-British Attack Houthi) ने हुती के मिसाइल भंडार स्थलों, ड्रोन और लॉन्चर को नष्ट करने के लिए युद्धपोत और पनडुब्बी से छोड़े जाने वाली मिसाइल तोमाहॉक तथा लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। अधिकारियों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि इस अभियान में ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड ने खुफिया और निगरानी संबंधी सहयोग दिया। एक संयुक्त बयान में छह सहयोगी देशों ने कहा कि हमलों में हुती के भूमिगत भंडार स्थलों और हुती की मिसाइल तथा वायु निगरानी क्षमताओं से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया गया।
अधिकारियों ने तनाव को लेकर कही ये बात
अधिकारियों ने कहा कि हमारा उद्देश्य लाल सागर में तनाव को कम करना और स्थिरता बहाल करना है लेकिन हम हुती नेतृत्व को दी चेतावनी दोहराते हैं कि हम लगातार खतरों को देखते हुए दुनिया के सबसे अहम जलमार्गों में से एक लाल सागर में लोगों की जिंदगियों और निर्बाध व्यापार की रक्षा करने से पीछे नहीं हटेंगे। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि रॉयल एयर फोर्स के चार विमानों ने ‘‘सना एयरफील्ड के क्षेत्र में दो सैन्य स्थलों पर कई ठिकानों’’ को निशाना बनाया। रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा कि इन हमलों का उद्देश्य हुती की क्षमताओं को कम करना है।
अमेरिकी सेना ने इन ठिकानों को बनाया निशाना
अमेरिकी सेना (US-British Attack Houthi) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि हमले में 25 से 30 बम गिराए गए और प्रत्येक स्थान पर कई ठिकानों को निशाना बनाया गया। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है कि इतने आधुनिक हथियारों को नष्ट किया गया है। इस संयुक्त अभियान से करीब 10 दिन पहले अमेरिका और ब्रिटेन के युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों ने 28 स्थानों पर 60 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया था। यह हमला वाणिज्यिक जहाजों पर हुती के लगातार ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद किया गया था। हुती ने अक्टूबर में इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से ही जहाजों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। हुती के मीडिया कार्यालय ने सोमवार को एक ऑनलाइन बयान में कहा कि यमन की राजधानी सना में हमले किए गए। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सोमवार सुबह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बात की। सुनक के कार्यालय ने बताया कि दोनों नेता ‘‘हुती की क्षमताओं को कम करने के लिए आवश्यक, लक्षित सैन्य कार्रवाई’’ करने पर राजी हो गए।
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