फरीदाबाद ब्रांच की हो गई वाह भई वाह...
फरीदाबाद ब्रांच के समारोह में गुलाब की पत्तियों की बौछार…
अप्रैल का महीना सभी उन ब्रांचों के लिए रखा है जहां इस साल में जाना रह गया है। अभी फरीदाबाद में मेरा जाना हुआ था परंतु उनका इस बार वार्षिक समारोह रहता है जो जल्दी होने जा रहा है। क्या जो है इस ब्रांच में। इस ब्रांच को शुरू करने वाले डी.एन. कथूरिया जी और टी.डी.जटवानी जी हैं जो अपने आप में फरीदाबाद की शान हैं। उन्होंने 15 साल इस ब्रांच को खूब मेहनत, तन, मन, धन से सींचा और लोगों में खुशियां बांटी। अभी भी दोनों दिलों से जवान हैं परंतु 85 से पार हैं तो उन्होंने अपनी बागडोर फरीदाबाद के दो बहुत ही बढिय़ा लोगों को सौंपी जो उनके दिखाए मार्ग पर चल सकें और उनके अपने हैं। जी हां मनोहर पुण्यानी जी और महेन्द्र खुराना जी ने तो फरीदाबाद ब्रांच की बल्ले-बल्ले कर दी। इस बार तो रौनक देखने वाली थी। लगभग 10 किलो तो मेरे ऊपर गुलाब फूल की पत्तियों की बौछार कर दी।
इतनी खुशियां थीं उसके चेहरे पर मुस्कराहटें, खुशियां झलक रही थीं। महेंद्र खुराना जी के नवविवाहित बेटे-बहू को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था क्योंकि महेन्द्र खुराना जी निष्काम भाव से जब से वहां शाखा शुरू हुई, सेवा रहे हैं तो मेरी दिली इच्छा थी कि उनके बच्चे अपने माता-पिता का सेवा भाव आकर देखें। मनोहर पुण्यानी जी सभी सदस्यों को खुश रखते हैं। सब की सुनते हैं तो बहुत से लोग जुड़ रहे हैं, यही नहीं श्याम कालरा जी पिछले 16 वर्षों से अपनी आवाज की सेवा दे रहे हैं। जैसे ही वो गाते हैं सभी सदस्यों के पांव थिरकने शुरू हो जाते हैं। कोई भी डांस किये बगैर नहीं रहता। इतने सालों से वह सब की नब्ज जानते हैं। उनकी टीम के सभी सदस्य (म्यूजीशियन) बहुत ही अच्छे हैं।
हमने इस बार विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष आलोक जी की पत्नी मंजू जी को भी विशेषरूप से आमंत्रित किया था। जिन्होंने आकर अंग दान, शरीर दान के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित किया। क्योंकि हमारे दोनों काम साथ-साथ चलते हैं। हम खुशियां भी बांटते हैं, दूसरी ओर जरूरतमंद के लिए सहायता भी करते हैं, जो बड़ा पुण्य का काम है। फरीदाबाद की ब्रांच में टैलेंट की भरमार है, क्योंकि बैशाखी का अवसर था। सबने क्या टैलेंट दिखाया। चाहे वह गुड्डी जी हों, मोहन टुटेजा, ब्रज मोहन गांधी, एसआर कैंथ, प्रभा वर्मा, सरोज, शोभा, रविन्द्र कौर, मंगल सेन, एसआर रावल, धृत्ति सचदेवा, सुनीता बेदी, रजनी अग्रवाल, आशा गाबा, गीता, दीपक बजाज, तेज प्रकाश मेरे से कई नाम छूट रहे होंगे, एक-एक व्यक्ति कमाल कर रहा था। कोई अपनी मधुर आवाज में गा रहा था, कोई डांस कर रहा था, कोई रैंप वॉक। सबसे बढिय़ा कैंथ साहब बड़ा अच्छा मंच संचालन करते हैं।
सबको कहते हैं छोटा पार्ट करो, परन्तु वो खुद संचालन इतना अच्छा और लम्बा कर देते हैं। हमारे साथ हमारी प्यारी सुरभि जो पिछले 15 सालों से कोरियोग्राफी करती हैं, उसने सदस्यों को रैंप वॉक सिखाया। सबने रैंप वॉक किया, खूब आनंद लिया। अंत में हमने आने वाले फंक्शन की रूपरेखा तैयार की और मनोहर जी, महेन्द्र जी की मेहनत, सेवाभाव और खुशियों को याद करते अच्छी यादों के साथ वापिस लौटे।