सीजफायर के लिए मान गए Zelensky! पुतिन से मुलाकात के बाद Trump ने यूक्रेन को लगाया फोन
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर Zelensky ने कहा है कि वह रूस के साथ चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए पूरी तरह सहयोग करने को तैयार हैं। उनका यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump से बातचीत के बाद सामने आया है। जेलेंस्की ने सोमवार को वॉशिंगटन जाने की घोषणा की है, जहां वे अमेरिकी नेताओं से मुलाकात करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने Zelensky से बातचीत में बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्धविराम के बजाय एक ठोस और स्थायी शांति समझौते को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके बाद Trump ने अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता का प्रस्ताव रखा, जिसे Zelensky ने भी समर्थन दिया।
यूरोपीय नेताओं की भूमिका ज़रूरी: Zelensky
Zelensky ने यह भी साफ किया कि युद्ध समाप्त करने के लिए उच्च स्तरीय नेताओं के बीच सीधे संवाद की ज़रूरत है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में यूरोपीय नेताओं की भागीदारी बेहद आवश्यक है ताकि शांति समझौते के साथ ठोस सुरक्षा गारंटी सुनिश्चित की जा सके। विश्लेषकों का मानना है कि यह ट्रंप पर आंशिक अविश्वास को दर्शाता है।
Trump-पुतिन की अलास्का में मुलाकात
हाल ही में Trump और पुतिन की मुलाकात अमेरिका के अलास्का में हुई थी। हालांकि, इस बैठक में किसी युद्धविराम पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद ट्रंप ने वॉशिंगटन लौटते समय जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से बातचीत की। जेलेंस्की के साथ यह बातचीत एक घंटे से भी अधिक समय तक चली। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने जेलेंस्की से केवल युद्धविराम की जगह एक तेज़ और स्थायी शांति समझौते पर काम करने को कहा है।
Zelensky का Trump के साथ सार्थक संवाद
जेलेंस्की ने ट्रंप के साथ अपनी बातचीत को लंबी और अर्थपूर्ण बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह कहा कि यूक्रेन शांति बहाल करने के लिए पूरी तरह तैयार है और ट्रंप द्वारा प्रस्तावित त्रिपक्षीय बैठक का समर्थन करता है।
Trump की प्रतिक्रिया
Trump ने कहा कि अलास्का में पुतिन से हुई मुलाकात सकारात्मक रही। इसके बाद जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं से देर रात बातचीत हुई, जिसमें नाटो महासचिव भी शामिल थे। सभी नेताओं ने यह सहमति जताई कि युद्धविराम के बजाय सीधा शांति समझौता ज्यादा टिकाऊ और कारगर होगा।
Trump ने आगे बताया किZelensky सोमवार को व्हाइट हाउस में उनसे मिलेंगे और यदि यह बैठक सफल रही तो अगला कदम पुतिन के साथ औपचारिक शांति वार्ता की दिशा में उठाया जाएगा। उनका मानना है कि यह पहल लाखों लोगों की जान बचा सकती है।
Trump-Putin Summit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में हुई बहुचर्चित बैठक से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन यह बातचीत किसी ठोस समझौते के बिना ही खत्म हो गई। तीन घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में बातचीत चली, लेकिन जब वे बाहर आए, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस महज 12 मिनट की रही। इस दौरान ट्रंप ने सिर्फ 3 मिनट 20 सेकंड तक बात की, जिससे उनकी तैयारी पर सवाल उठे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसके उलट, पुतिन काफी आत्मविश्वास में दिखे। उनके इस कॉन्फिडेंस के पीछे थी उनकी मजबूत और अनुभवी डेलीगेशन टीम, जिसमें पांच बड़े चेहरे शामिल थे। ये सभी लोग अपनी-अपनी फील्ड के माहिर और पुतिन के भरोसेमंद माने जाते हैं।
Trump-Putin Summit:
1. सर्गेई लावरोव- Sergey Lavrov
सर्गेई लावरोव, जो 2004 से रूस के विदेश मंत्री हैं, पुतिन की विदेश नीति की रीढ़ माने जाते हैं। 1950 में जन्मे लावरोव कूटनीति में बेहद सख्त और बेबाक माने जाते हैं। यूक्रेन युद्ध को पश्चिमी देशों की साजिश बताने की रणनीति उन्होंने ही तैयार की थी।
2. किरिल दिमित्रिएव-Kirill Dmitriev
किरिल दिमित्रिएव, जो रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड (RDIF) के प्रमुख हैं, पुतिन के भरोसेमंद आर्थिक रणनीतिकार हैं। पश्चिमी देशों की पाबंदियों के बावजूद रूस की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में इनका बड़ा हाथ रहा है। स्टैनफोर्ड से पढ़े दिमित्रिएव अब रूस के विदेशी निवेश को बढ़ावा देने में जुटे हैं।