Zomato डिलीवरी बॉय ने जीता लोगों का दिल, कहा मेहनती लोगों का धर्म नहीं पूछते
आजकल के इस दौर में कई सारे लोगों के लिए तो खाना डिलिवर करने वालों का धर्म भी मैटर करने लगा है। ये मामला जोमैटो से जुड़ा हुआ है।
08:02 AM Aug 02, 2019 IST | Desk Team
आजकल के इस दौर में कई सारे लोगों के लिए तो खाना डिलिवर करने वालों का धर्म भी मैटर करने लगा है। ये मामला जोमैटो से जुड़ा हुआ है। बीते मंगलवार को एक महान शख्स ने जोमैटो को टैग करते हुए ट्वीट कर दिया कि वह गैर-हिंदू डिलिवर बॉय से अपना खाना किसी भी हालत में नहीं लेंगे।
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तब इसके जबाव में जोमैटो ने इन जनाब को कहा कि वह अपना राइडर नहीं बदल सकते हैं तो उन्होंने अपना ऑडर की कैंसल कर दिया। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस घटना पर उबर ईट्स ने जोमैटो का समर्थन किया है जिसके बाद कई सारे लोग उबर ईट्स का ऐप भी अनइंस्टॉल करने लगे है। लेकिन हाल ही में अब एक अन्य वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें जोमैटो का डिलीवरी बॉय भारी बरिश में भी कस्टमर को खाना देने के लिए पहुंच गया है। जिसके बाद से लोग उसकी खूब तारीफें कर रहे हैं।
मेहनत करने वालों का कोई धर्म नहीं पूछते
इस वीडियो को @_beingkrunal ने 1 अगस्त को शेयर किया। उन्होंने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि मेहनत करने वालों का धर्म नहीं पूछते। खबर लिखे जाने तक इस वीडियो पर 13 हजार से ज्यादा व्यूज और 614 री-ट्वीट और 2,396 लाइकस मिल चुके हैं। फिलहाल इस बात की जानकारी अभी तक भी नहीं मिल पाई है कि ये वीडियो कहां का है और किसने इसे बनया है।
आखिर ऐसा क्या है वीडियो में?
वीडियो में आप खुद देख सकते हैं कि एक व्यक्ति अपनी कमर पर जोमैटो का बैग टांगे खड़ा हुआ है,जिससे साफ पता लग रहा है कि वह डिलीवरी बॉय है। घुटनो तक पानी भरा हुआ है उसकी बाइक भी पानी में फस गई है। आस-पास वाले कुछ लोग उसकी सहायता करते हुए दिखाई दे रहे हैं,जिसके बाद वह खाना डिलिवर करने चला जाता है।
जोमैटो को करना चाहिए सम्मान…
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मेहनत की कदर करो नाकि धर्म की…
और भी बाकि लोगों ने दिया अपना रिएक्शन…
दरअसल ये बहस बीते मंगलवार को ट्विटर यूजर पंडित अमित शुक्ला ने ट्वीट किया और कहा अभी मैंने जोमैटो से अपना ऑर्डर रद्द करवा दिया है। वो मेरा खाना गैर-हिंदू राइडर के हाथ भिजवा रहे थे। उन्होंने कहा राइडर चेंज नहीं कर सकते और कैंसलेशन रिफंड भी नहीं दे सकते। मैंने उनसे कहा डिलीवरी लेने के लिए आप मेरे साथ जबरदस्ती नहीं कर सकते। मुझे कोई रिफंड नहीं चाहिए। मुझे अपना खाना कैंसल करना है बस। हालांकि सोशल मीडिया पर मुद्दा काफी ज्यादा फैल जाने के बाद शुक्ला जी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
ये जवाब दिया था जोमैटो ने
जोमैटो ने पंडित जी के ट्वीट के जवाब में लिखा था कि खाने को कोई धर्म नहीं होता है। खाने का कोई धर्म नहीं होता है। बल्कि वो खुद एक धर्म है। वहीं डिलीवरी बॉय जब शुक्ला के घर खाने देने गया। उसका नाम फैयाज है। उन्हें इस बात से काफी दुख पहुंचा। लेकिन वह लाचार है। उन्होंने बताया कि मैंने कस्टमर को डिलीवरी लोकेशन जानने के लिए कॉल किया। उन्होंने फोन तो उठा लिया लेकिन ऑर्डर कैंसल करने की बात कह दी। उन्होंने कहा कि वह एक मुसलमान का पहुंचाया खाना नहीं खाना चाहते हैं। मुझे इस बात से काफी ज्यादा दुख तो हुआ लेकिन मैं गरीब हूं सर। मैं क्या कर सकता हूं।
हमें कोई अफसोस नहीं है
जोमैटो के संस्थापक दीपेंद्र गोयल ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए जबाव दिया कि हमें भारत के विचार और अपने शानदार उपभोक्ताओं और भागीदारों की विविधता पर बहुत गर्व है। अगर हमें इन सभी कारणों की वजह से कारोबार में कुछ नुकसान भी होता है तो हमें उस बात का जरा भी अफसोस नहीं होगा।
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