editorial
वाह ! महाशय जी आपका जवाब नहीं ... वाह ! महाशय जी नहीं रीसां तुहाड़ियां...
<p>वाह ! महाशय जी आपका जवाब नहीं, आप जैसा कोई नहीं। कोई भी दु:ख-सुख हो हमेशा आपका हाथ मेरे सिर पर रहता है और जब से वरिष्ठ नागरिक क्लब शुरू किया है आपने हमेशा मुझे प्रेरणा दी है। कभी पत्र लिखकर तो कभी फोन करके।</p>12:15 AM Sep 02, 2020 IST